शेयरों और म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स किस हिसाब से लगता है... इस निवेश पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स डिडक्शन का फायदा कैसे मिले.
प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले टैक्स के मामले में इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है. लेकिन इसे समझना काफी जटिल होता है खासकर प्रॉपर्टी विरासत में मिली हो.
जब आप सोने के आभूषण खरीदते हैं तो आपको सोने के मूल्य पर 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) देना होगा और साथ ही किसी भी निर्माण लागत का भुगतान करना होगा.
किसी भी चल या अचल संपत्ति पर मिलने वाले प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स को लॉन्ग-टर्म या शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है.
ITAT ने माना कि एक एसेट क्लास से लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस (LTCL) को दूसरे एसेट क्लास से प्राप्त फायदे के लिए सेट किया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड में केवल ELSS कैटेगरी में किए गए निवेश पर आयकर कानून की धारा 80C के तहत कर-कटौती का लाभ मिलता है.
कुछ लोग मानते हैं कि विरासत की प्रॉपर्टी रखने और उसे बेचने पर कोई टैक्स नहीं लगता है, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस पर टैक्स लगता है.
tax loss harvesting की रणनीति से आपको सीधा मुनाफा नहीं होगा, फिर भी वेल्थ बढ़ाने में टैक्स-लॉस इनवेस्टिंग से आपको काफी मदद मिलेगी.
कैपिटल गेन्स टैक्स दो तरह के होते हैं. STCG और LTCG. अगर आपने 2 साल के अंदर प्रॉपर्टी बेची है तो उस पर STCG टैक्स देना पड़ता है.
बजट में घोषणा की गई थी की प्रीमियम का भुगतान 2.5 लाख रुपए प्रति वर्ष से ज्यादा होने पर ulip की परिपक्वता राशि पर निर्धारित कर देना होगा.